भोपालमध्य प्रदेश

जिले के नौ निजी अस्पतालों को बंद करने का नोटिस, नए मरीज भर्ती करने पर रोक

राजधानी होने के बाद शहर में निजी अस्पताल बिना मापदंड चल रहे हैं। नर्सिंग होम्स एक्ट में तय प्रविधान के अनुसार कहीं डॉक्टर नहीं हैं तो कहीं नर्स व अन्य स्टाफ नहीं हैं। इस तरह के नौ निजी अस्पतालों की जांच के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने इन्हें बंद करने को नोटिस थमा दिया है। नोटिस में इनसे एक महीने के भीतर जवाब मांगा गया है।

बता दें कि एक्ट में प्रविधान है कि एक महीने का नोटिस देकर अस्पताल से पहले जवाब मांगा जाए। इसके बाद ही अस्पताल को बंद कराया जा सकता है। हालांकि, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सख्त रवैये से तय है कि इन अस्पतालों को बंद करने का निर्णय ले लिया गया है। यही वजह है कि अस्पतालों को साफ कह दिया गया है कि अब नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकेगा। जिन अस्पतालों को नोटिस दिया गया है उनमें ज्यादातर इसी साल खुले हैं। दो से तीन दिन के भीतर कुछ अन्य अस्पतालों को नोटिस जारी किया जा सकता है। इन अस्पतालों का अभी सीएमएचओ और जिला प्रशासन की तरफ से निरीक्षण कराया जा रहा है। बता दें कि स्वास्थ्य संचालनालय ने सभी जिलों को नर्सिंग होम्स एक्ट के तहत अस्पतालों का निरीक्षण करने को कहा है।

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