किर्गिस्तान में 17 मई से भड़की हिंसा के बाद सड़क पर उपद्रवी में फसे मध्यप्रदेश के तीन स्टूडेन्ट एक रायसेन एंव दो उज्जैन के छात्र
किर्गिस्तान में 17 मई से भड़की हिंसा के बाद सड़क पर उपद्रवी।
जो लोग फ्लैट में रह रहे, उन्हें भूखे रहना पड़ रहा
आयुष ने कहा कि वे हॉस्टल में रहते हैं, इसलिए खाने-पीने की ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन जो बच्चे फ्लैट में रह रहे हैं, वे वहां से बाहर ही निकल नहीं पा रहे हैं। उनके पास जितने दिन का खाने-पीने का सामान बचा है उसका उन्होंने इस्तेमाल किया।
अब जिनके पास सामान नहीं बचा है, उन्हें तो भूखे ही रहना पड़ रहा है, क्योंकि बाहर निकलने के साथ ही छात्रों के साथ मारपीट हो रही है। आयुष का कहना है कि लोकल लोगों ने स्टूडेंट्स के साथ लड़कियों से भी मारपीट की है। उनके साथ छेड़छाड़ की है। ये लोग अपने साथ चाकू और अन्य नुकीली चीजें रखते हैं
पाकिस्तान ने अपने स्टूडेंट को निकाला, भारत सरकार ने फ्लाइट नहीं भेजी
आयुष के दोस्त समंदर कहते हैं कि किर्गिस्तान से अपने स्टूडेंट्स को निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार ने फ्री ऑफ कास्ट फ्लाइट भेजी है। मेरे पाकिस्तान के रहने वाले दोस्त ने बताया कि हम लोगों को अच्छे से ले जाया जा रहा है। ऐसे में हमारे मन में थोड़ा गिल्ट होता है कि हमारे देश का स्टेटस पूरी दुनिया में बहुत अच्छा है, फिर भी हम यहां पर फंसे पड़े है। हमारे लिए कोई फ्लाइट नहीं भेजी गई
समंदर बताते हैं कि पहले इंडियन स्टूडेंट्स की वापसी का टिकट करीब 15-20 हजार रुपए में हो जाता था, लेकिन जब से हालात बिगड़े हैं यहां लूट-खसोट जैसी स्थिति है। अभी 50 हजार रुपए में फ्लाइट का टिकट हो रहा है। हर कोई इतना पैसा अफोर्ड नहीं कर पा रहा है।
समंदर कहते हैं कि किर्गिस्तान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स ने भारत सरकार, इंडियन एंबेसी और विदेश मंत्री को सोशल मीडिया पर टैग किया है। उनसे गुहार लगाई कि हमें यहां से बाहर निकालें, लेकिन उनका कुछ रिस्पॉन्स नही आया है। वो लोग कह रहे हैं कि यहां सिचुऐशन नॉर्मल है, लेकिन ग्रांउड लेवल पर कुछ ठीक नहीं है।