भोपालमध्य प्रदेश

मेरी बेटी की उम्र इतनी ही थी। वह केवल धर्म में योगदान करने आई थी। डांस करते-करते जब वह गिरी, तब तक उसके चेहरे पर मौत का अहसास भी नहीं था।

विदिशा से शोनू रेकवार की रिपोर्ट

मेरी बेटी की उम्र इतनी ही थी। वह केवल धर्म में योगदान करने आई थी। डांस करते-करते जब वह गिरी, तब तक उसके चेहरे पर मौत का अहसास भी नहीं था। ऐसे लोग संत के समान होते हैं। अगले एक-दो साल में उसकी शादी का प्लान कर रहे थे। मेरे बेटे की भी साइकिल चलाते समय इसी तरह मौत हुई

ये दर्द है 23 साल की परिणीता के पिता का, जिसकी शनिवार को विदिशा में संगीत के दौरान डांस करते-करते हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिणीता स्टेज पर मुंह के बल गिरी और कुछ ही सेकेंड में उसकी जान चली गई। पिछले हफ्ते ही उसका रूटीन चेकअप हुआ था, जिसमें सभी रिपोर्ट्स सामान्य आई थीं।

पिता बोले- कुछ दिनों पहले ही जांचें कराई थी

पिता ने बताया, परिणीता समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक प्रोग्रामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी। ऑफिस के साथ ही घर के काम भी करती थी। वह एक अच्छी कंपनी में जॉब कर रही थी। परिणीता के बाल गिर रहे थे, इसलिए वह परेशान थी। वहीं, परिवार में किसी को भी कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है।

फरवरी के पहले सप्ताह में बेटी की सभी जांचें कराई थीं। रिपोर्ट में कुछ भी असामान्य नहीं था। बेटे की मौत के बाद बेटी का ही सहारा था। हम उसकी हर परेशानी का तत्काल उपचार ढूंढते थे। वह खुद भी अपनी हेल्थ को लेकर अलर्ट रहती थी। इसीलिए वह रोजाना जिम जाती थी और योग-प्राणायाम करती थी।

पड़ोसी बोले- बेटे को मैं कंधे पर उठाकर ले गया था

पड़ोसी संजय जैन ने बताया, परिणीता का परिवार और हम 25-30 साल से पड़ोसी हैं। पहले हम एक ही बिल्डिंग में रहते थे, लेकिन कुछ साल पहले वे पड़ोस की दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट हो गए। करीब 10-12 साल पहले परिणीता के जुड़वा भाई समय की भी ऐसे ही मौत हुई थी। वह साइकिल चलाते-चलाते गिर गया था। तब मैं वहीं था, उसे तत्काल उठाकर उसे डॉक्टर के यहां ले गया था।

डॉक्टर ने उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। कुछ देर चले उपचार के बाद उसने दम तोड़ दिया था। वैसा ही हादसा बेटी के साथ हुआ। इस हादसे से सुरेंद्र जैन ही नहीं हम पड़ोसी भी सदमे में हैं। परिणीता को धार्मिक संस्कार अपने माता-पिता और बुआ विजया दीदी से मिले थे। उन्होंने बताया कि जब तक शादी नहीं होती तब तक उसने ब्रह्मचारी व्रत भी लिया था। वह डांस भी अच्छा करती थी।

प्रेस्टीज कॉलेज से एमबीए किया, आईटी कंपनी में जॉब

परिणीता ने इंदौर के प्रेस्टीज कॉलेज से एमबीए किया था। इसके बाद वह विजय नगर की निजी कंपनी में डिजिटल मार्केटिंग से जुड़ी थी। वह घूमने और खाने-पीने की शौकीन थी। वह अकसर नई-नई चीजें ट्राय करती थी।

परिणीता को घर में लोग मौनी कहकर बुलाते थे। उसे डांस करने का शौक था। शादी के लिए वह एक महीने से डांस की तैयारी कर रही थी। वह 3 फरवरी को राघौगढ़ पहुंची थी। वहां से दुल्हन और परिवार के साथ विदिशा आई थी।

विदिशा में ही हुआ अंतिम संस्कार

विदिशा में शनिवार रात 9 बजे महिला संगीत का कार्यक्रम शुरू हुआ, करीब 10 बजे परिणीता डांस करते-करते मुंह के बल गिर गई। शादी में मौजूद डॉक्टरों (रिश्तेदार) ने उसे सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन फिर भी कोई हलचल नहीं हुई। जिसके बाद तत्काल विदिशा के ही प्राइवेट अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिणीता की मौत के बाद रात के समय साधारण तरीके से फेरे हुए। रविवार को होने वाले सारे कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए। विदिशा में सारे रिश्तेदार होने के कारण उसका यहीं पर अंतिम संस्कार किया गया। मंगलवार को इंदौर में परिणीता का तीसरा हुआ।

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