भोपालमध्य प्रदेश

भ्रष्ट जिम्मेदारों का भ्रष्ट कार्य जनपद पंचायत धरमपुरी पर यमराज भी मेहरबान मजदूरी करने के लिए यमलोक से आते है मजदूर।

धरमपुरी धार से सोभाग प्रजापती की रिपोर्ट

भ्रष्ट जिम्मेदारों का भ्रष्ट कार्य

जनपद पंचायत धरमपुरी पर यमराज भी मेहरबान मजदूरी करने के लिए यमलोक से आते है मजदूर।

_*जमीन से सीधे आसमान में उड़ा डाले सारे पौधें, ढाई लाख रूपयों की राशि निकालकर जिम्मेदारों ने कर लिए हजम।*_

_*बारिश में फर्जी मस्टर और खेल मैदान की फर्जी तरीके से निकली राशि, वही 2 साल पहले मृतक महिला लीलाबाई के नाम से फर्जी मास्टर चलकर राशि का हरण किया जा रहा है*_

_*पुलिया निमार्ण एवं बोल्डर वालों में बिना जीएसटी के बिल लगाकर राशि का किया आहरण।*_

मध्य प्रदेश धार जिले से जिला ब्यूरो चीफ सोभाग प्रजापति

धरमपुरी- धार जिले की जनपद पंचायत धरमपुरी के अंर्तगत आने वाली ग्रामीण पंचायतों में भ्रष्ट जिम्मेदारों के भ्रष्ट कार्य देखने को मिल रहे है। वही जिले में बैठे आला अफसरों की नाक के नीचे कहीं पौधों के नाम पर फर्जी राशि तो कहीं निर्माण कार्यों सहित बारिश में फर्जी मस्टर चलाकर राशि पंचायत के जिम्मेदारो द्वारा बकायदा खूब निकाली जा रही है। साथ ही जिम्मेदार राशि निकाल कर खूब फल-फूल रहे हैं। बावजूद इसके कोई भी बड़े जिम्मेदारों द्वारा किसी भी प्रकार से एक्शन नहीं लिया जा रहा है।

दरअसल जनपद पंचायत धरमपुरी के अंर्तगत आने वाली ग्राम पंचायत पिपल्या खुट में सामाजिक आकेक्षण की टीम (सोशल ऑडिट) के द्वारा बताया गया कि पंचायत के जिम्मेदारों ने पौधारोपण कार्य के नाम पर फर्जी बिल लगाकर,वही कागजों में दर्शा कर करीब ढाई लाख की राशि निकालकर हजम कर गए।इसका पता ग्रामीणों को तब लगा जब सामाजिक अंकेक्षण द्वारा जांच की गई तब ग्रामीण भी आश्चर्यचकित रह गए। वही सामाजिक अंकेक्षण की टीम के सदस्यों ने बताया की हमने पौधों का मौका मुआयना किया लेकिन जमीन पर एक भी पौधा लगा हुआ नहीं मिला है। वही टीम के अधिकारी ने बताया कि एक मृतक महिला लीला बाई के नाम से भी फर्जी मस्टर चलाकर राशि का आहरण किया जा रहा है

*फर्जी मस्टर और फर्जी तरीके से खेल मैदान के नाम पर राशी का किया आहरण।*

पंचायत के जिम्मेदारों के पास जब पौधारोपण के पैसे करीब ढाई लाख रूपए हजम हो गए,तब दिमाग लगाकर बारिश में फर्जी मस्टर लगाकर हजारों रूपयों की राशि निकाली वही खेल मैदान को भी नही छोड़ा और उसमें में फर्जी बिल लगाकार 50 हजार की राशि का आहरण कर लिया गया । क्योंकि बड़े अफसर तो मगरमच्छ की नींद सो रहे या फिर कुछ हिस्सा…..? तब डर किस बात का। सोचने वाली बात यह है की झमाझम तेज बारिश में मस्टर कैसे सम्भव है,मजदूरों ने तेज बारिश में मजदुरी कैसे की होगी।

*बिना जीएसटी के बिल कैसे लग गए।*

पिपल्या खुट के जिम्मेदारों ने बोल्डर वालों व पुलिया निर्माण कार्यों में अधिक-अधिक कार्य दर्शाकर बिना जीएसटी के ही बिल लगाकार राशि खूब निकली। तब भी कोई बड़ा जिम्मेदार नहीं जगा।

अब देखना यह है की जिम्मेदार अफसर ध्यान देते है या फिर भ्रष्ट जिम्मेदारों का भ्रष्ट कार्य चलता रहेगा….?

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