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भाई की चिता पर खाई थी न्याय दिलाने की सौगंध 2 साल बाद मिलने आए

बचपन के दोस्त नहीं कर दी चुनाव के कारण दोस्त की हत्या

“भाई की चिता पर सौगंध खाई थी कि उसे न्याय दिलाकर । तत्कालीन टीआई और भाई की लाश का पीएम करने वाले डॉक्टर तक बिक गए। वे मेरे भाई की हत्या को हादसा साबित करने में लगे थे। दो साल तक कोर्ट और अधिकारियों के दर पर भटका। कोर्ट-कचहरी के चक्कर में 5 लाख रुपए खर्च किए। एक बीघा जमीन भी बेचनी पड़ी, तब पुलिस ने दो साल बाद माना कि ये हादसा नहीं, मर्डर था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।”

ये कहते हुए देवास जिले के मनासा गांव निवासी सुभाष शर्मा गुस्से से भर उठते हैं। सुभाष शर्मा के 40 वर्षीय बड़े भाई महेश उर्फ सतीश शर्मा की दो साल पहले बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

आखिर महेश की हत्या के दो साल बाद कैसे पुलिस को यकीन हुआ कि ये मर्डर ही है? तत्कालीन टीआई और डॉक्टर किसके प्रभाव में आ गए थे? गुनहगारों को अब तक कौन बचाता रहा… पढ़िए ये रिपोर्ट…

इलाज कराने की बात कहकर घर से निकले थे

सुभाष शर्मा ने कहा- 4 सितंबर 2022 की वो शाम कभी नहीं भूल सकता। शाम करीब 4 बजे मेरे बड़े भाई महेश उर्फ सतीश शर्मा भाभी ज्योति शर्मा से इलाज कराने की बात बोलकर निकले थे। खेत में गाय-भैंस पाल रखे थे। शाम को वो ही दूध निकालते थे। शाम 6 बजे तक वे नहीं लौटे तो भाभी और उनके दोनों बच्चे तुषार, प्रतीक्षा ढूंढने लगे। भाभी के बताने पर मैं भी भाई को तलाश करने लगा। इससे पहले वह कभी इतनी देर के लिए कहीं नहीं जाते थे। उन्हें पता था कि दूध निकालना है।

चिंता इस वजह से हो रही थी कि उनका मोबाइल भी बंद बता रहा था। इसके पहले कभी उनका मोबाइल बंद नहीं रहा। सभी दोस्तों और परिचितों से भी पता कर लिया, लेकिन उनके बारे में कुछ मालूम नहीं चला। रात गहराने लगी लेकिन भाई सतीश के बारे में कुछ पता नहीं चल पा रहा था। घर से कुछ दूरी पर हनुमान मंदिर है। उसके सामने से एक नाला निकला है। गांव की एक महिला ने शाम को सतीश को नाले के पास देखा था।

रात में हनुमान मंदिर में गांव के 40-50 लोग इकट्‌ठा हुए। तय किया गया कि चलो नाले में ढूंढते हैं तो पड़ोस में रहने वाले जीतेंद्र चावड़ा ने सबको रोक दिया। बोला- नाले की तरफ बहुत गंदगी है। इसके अलावा वहां भूत-चुड़ैल का खतरा है। उसकी बातों से लोग डर गए। इसके चलते नाले में तलाश नहीं हो पाई।बरामद हुई थी।

आधी रात गुमशुदगी दर्ज कराई, फिर संदिग्धों ने ही खोज निकाला

सुभाष शर्मा के मुताबिक, रात 12 बजे के लगभग अन्य गांववालों के साथ वो सोनकच्छ थाने पहुंचा। थाने में तब नीता देअरवाल थाना प्रभारी थीं। उन्होंने महेश उर्फ सतीश शर्मा की (40) गुमशुदगी दर्ज कर ली। थाने से लौटा ही था कि महेश के बचपन के दोस्त भारत सिंह चावड़ा ने नाले में ढूंढने के लिए गांववालों को तैयार किया। रात एक बजे के लगभग सबसे पहले उन्होंने मेरे भाई महेश की लाश खोज निकाली।

शव मिलने की सूचना तुरंत सोनकच्छ पुलिस को दी गई। नाले में लाश औंधे मुंह पड़ी थी। चार फीट गहरे नाले में मुश्किल से एक फीट पानी रहा होगा। महेश की शर्ट उनके गले में लिपटी थी। शर्ट में गांठ भी लगी थी। उनके दोनों हाथ गांठ वाले स्थान पर थे। गले पर कसाव का निशान साफ दिख रहा था। सिर के पीछे चोट का गहरा घाव था। पूरे शरीर पर मारपीट के निशान थे। लाश मिलने के बाद नाले में उनका मोबाइल भी तलाश किया गया, लेकिन वो नहीं मिला। तीन दिन बाद मोबाइल भी नाले में भारत सिंह को ही मिला।

हादसा बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की

सोनकच्छ पुलिस ने एफएसएल देवास की मौजूदगी में शव का पंचनामा बनाया। 5 सितंबर 2022 को सोनकच्छ सीएचएसी पर महेश के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। इसके पहले शव की फोटोग्राफी कराई गई। पुलिस ने मर्ग जांच के दौरान महेश की पत्नी ज्योति शर्मा, मां कांताबाई, पिता तुलसीराम शर्मा, गांव के श्याम कुंवर बाई, महेंद्र पाल सिंह राजपूत, भारत सिंह चावड़ा के बयान दर्ज किए। पीएम के बाद डॉक्टर द्वारा जब्त विसरा, हार्ट का कुछ हिस्सा जांच के लिए एफएसएल लैब भिजवाया गया।

पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर रामराज ने शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह एंटी मार्टम बताया। उन्होंने महेश शर्मा के शरीर में चोट मारपीट एवं रगड़ या गिरने से आने की संभावना व्यक्त की। वहीं, सिर में आई चोट को नाले के पानी में रहने वाले जीव-जंतु के काटने की आशंका का उल्लेख किया था। सोनकच्छ टीआई ने इसे हादसा बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की

डॉक्टर से भारत, सुभाष बनकर मिला; बोला- पीएम मत करो

सुभाष के मुताबिक, उसे पहला संदेह नाले में मिली भाई की लाश की हालत को देखकर हुआ। ये कोई हादसा नहीं था। साफ-साफ दिख रहा था कि किसी ने भाई की गला घोंटकर हत्या की है। उनके सिर पर लगी चोट भी किसी लाठी या डंडे से लगी प्रतीत हो रही थी। शरीर पर रगड़ के निशान देखकर लग रहा था कि उनका किसी से संघर्ष हुआ है।

सोनकच्छ सीएसची पर जब महेश के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया, तो डॉक्टर रामराज से भारत सिंह चावड़ा खुद को सुभाष बताकर मिला। उसके साथ बीजेपी नेता बिजेंद्र सिंह राजपूत भी थे। तब खुद को सुभाष बताने वाला भारत डॉक्टर से बोला था- पीएम मत करो। मौत नाले के पानी में डूबकर हुई है।

सुभाष का दावा है कि इस बातचीत का ऑडियो उसके पास है। इसमें डॉक्टर रामराज बोल रहे हैं कि ये हत्या है, लेकिन इसे हादसा बताने के लिए दबाव डाला जा रहा है। हालांकि, डॉक्टर ने इस मामले में स्पष्ट अभिमत की बजाय गोलमोल भाषा में अपनी रिपोर्ट दी।आरोपियों के प्रभाव में आ गईं महिला टीआई

सुभाष शर्मा के मुताबिक, भारत सिंह चावड़ा द्वारा खुद को सुभाष शर्मा बताकर पीएम करने वाले डॉक्टर से मिलने की बात सामने आई तो उस पर संदेह गहरा गया। नाले में उसी को सबसे पहले भाई महेश की लाश दिखी थी।

 

फिर तीन दिन बाद उसी को भाई का गायब मोबाइल उसी नाले में मिला। उस मोबाइल की तलाश इसके पहले नाले में की जा चुकी थी। सुभाष ने थाने में सीधे भारत सिंह पर हत्या का संदेह व्यक्त करते हुए शिकायत दी लेकिन तत्कालीन टीआई नीता देअरवाल इसे हत्या मानने को तैयार ही नहीं हुईं।

हत्यारे मेरी आंखों के सामने घूमते रहे, लेकिन दो साल तक मैं कुछ न कर सका

सुभाष ने कहा- पुलिस और डॉक्टर सभी आरोपियों के प्रभाव में आकर इसे हादसा साबित करने में जुटे थे। मैं भाई की मौत पर रो भी नहीं पाया। भाई की चिता को आग देते हुए कसम खाई थी कि हत्यारों को बेनकाब करके ही रहूंगा। वो जो भी कोशिश कर लें, उन्हें सजा दिलाने के बाद ही चैन लूंगा।

भारत सिंह चावड़ा सहित अन्य आरोपी रसूख वाले थे। उनका गांव में दबदबा था। कोई भी उनके खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नहीं हुआ। यहां तक कि स्थानीय वकील भी केस लड़ने को तैयार नहीं हुए। ऐसे में एक परिचित के माध्यम से दिल्ली की महिला आरती धन मोहन से संपर्क किया। उनके माध्यम से देवास कोर्ट में हत्या का मामला दर्ज करने के लिए केस लगाया।

कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मेरे बुजुर्ग मां-पिता के बयान लिए। मेरे बयान ही दर्ज नहीं किए। यहां तक कि भाभी ज्योति शर्मा ने भी गोलमोल बयान दिया। 12 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने पर्याप्त आधार और ठोस साक्ष्य के अभाव में केस खारिज कर दिया। इसके बाद मैं साक्ष्य एकत्र करने में जुट गया।आरटीआई से मांगी जानकारी, पुलिसवालों ने देने से मना कर दिया

सुभाष कहते हैं कि साक्ष्य के तौर पर सबसे पहले मैंने घटनास्थल और भाई की लाश मिलने के दिन वाले सारे वीडियो-फोटो एकत्र किए। डॉक्टर ने भाई की मौत की वजह नाले के पानी में डूबना बताया था। इसके लिए मैंने आरटीआई के तहत फीवर बोन की रिपोर्ट मांगी। एसडीओपी ने इसे खारिज कर दिया।

इसके खिलाफ द्वितीय अपील एसपी-कलेक्टर और मानव अधिकार कार्यालय में लगाया। मानव अधिकार कार्यालय से तीन महीने बाद जवाब आया कि अपील के लिए 100 रुपए का स्टाम्प की बजाय 50 का लगाया गया है।

इसके साथ ही मैं लगातार एसपी, कलेक्टर, डीजीपी, सीएम को शिकायत करता रहा। इस बीच देवास एसपी बदल गए। नए एसपी सम्पत उपाध्याय आ चुके हैं। वहीं सोनकच्छ थाने में भी महिला टीआई की जगह श्यामचंद्र शर्मा आ चुके हैं।

एक अप्रैल को जांच शुरू की और 30 जून को दर्ज की एफआईआर

सोनकच्छ टीआई श्यामचंद्र शर्मा के मुताबिक, महेश की मौत को लेकर उसके भाई सुभाष शर्मा ने कोर्ट और वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत में भारत सिंह चावड़ा व उसके साथियों पर हत्या का संदेह व्यक्त किया था। एसपी के निर्देश पर 1 अप्रैल 2024 को मामले की जांच सौंपी गई। एफएसएल से रिपोर्ट प्राप्त की गई। घटनास्थल की जांच की गई। मृतक महेश और आरोपियों के मोबाइल नंबरों का सीडीआर और घटना तारीख का टावर लोकेशन निकलवाया गया।

पुलिस ने साक्षी के बयान भी दर्ज किए। जांच के दौरान सुभाष शर्मा ने पुलिस को कुछ वीडियो, फोटोग्राफ पेश किए, जो घटनास्थल की और घटना के दिन ग्रामीणों ने मोबाइल से लिए थे। पीएम करने वाले डॉक्टर ने महेश के शरीर के चोट को मारपीट से और रगड़ या गिरने से आने की आशंका व्यक्त की थी। वहीं, सिर के चोट को पानी के जीव-जंतु द्वारा काटना बताया था।

जबकि पेश किए गए वीडियो रिकॉर्डिंग में साफ दिख रहा था कि नाले में पानी की मात्रा डूबने लायक नहीं है। फिर महेश अपने आप पानी में डूब ही नहीं सकता। उसकी लाश पेट के बल नाले में पड़ी थी। उसके गले में लिपटी शर्ट में गांठ लगी थी और दोनों हाथ गले में लिपटी शर्ट की गांठ के पास है। इससे साफ प्रतीत होता है कि घटना के वक्त महेश ने गले में लिपटी शर्ट की गांठ खोलने और बचने का प्रयास किया होगा।

इसी जोर-आजमाइश में उसके शरीर में रगड़ के निशान आए होंगे। फिर जिस तरह से घटना के दिन आरोपी पीड़ित परिवार को नाले की ओर जाने से रोक रहे थे, उससे भी साफ है कि उनकी मंशा ठीक नहीं थी। पहले लाश और तीन दिन बाद एक ही व्यक्ति का मोबाइल भी उसी नाले में मिलना महज संयोग नहीं हो सकता है। मोबाइल सीडीआर रिपोर्ट से भी साफ है कि 4 बजे के लगभग महेश और आरोपियों के बीच बातचीत हुई थी। घटनास्थल पर भी आरोपियों के मौजूद होने का प्रमाण मिला एफएसएल रिपोर्ट में बताया कि महेश का हार्ट डैमेज हो गया था

एफएसएल रिपोर्ट में भी बताया गया है कि महेश के साथ की गई मारपीट से उसका हार्ट डैमेज हो गया था। इसके बाद आरोपियों ने उसका उसके ही शर्ट से गला घोंटकर मार डाला। इसके बाद शव को नाले में फेंक दिया था।

आरोपियों में शामिल भारत सिंह चावड़ा, अरविंद सिंह राजपूत, जीतेंद्र चावड़ा के खिलाफ सोनकच्छ पुलिस ने 30 जून 2024 को लगभग दो साल बाद हत्या, साक्ष्य छुपाने और हत्या की साजिश रचने का प्रकरण दर्ज किया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

भाई के मर्डर में सुभाष को फंसाना चाहता था भारत

महेश शर्मा और भारत सिंह चावड़ा एक-दूसरे से 6 घर की दूरी पर रहते हैं। दोनों में बचपन से दोस्ती थी। बचपन का यार और जिगरी दोस्त आखिर जान का दुश्मन क्यों बन गया? मृतक के भाई सुभाष ने बताया कि दरअसल पंचायत चुनाव में वह और आरोपी भारत सिंह चावड़ा ने पंच का चुनाव लड़ने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ फॉर्म ले लिया था।

उस समय शासन स्तर पर चुनाव रद्द हो गए। बाद में जुलाई 2022 में पंचायत का चुनाव हुआ। चुनाव में गांव के लोगों ने एक मत से निर्णय लिया कि गांव के गिरी गोस्वामी को निर्विरोध सरपंच चुन लेते हैं लेकिन भारत सिंह चावड़ा और उसके गुट के अन्य लोगों ने इसका विरोध करते हुए दिनेश टेलर को चुनाव में खड़ा कर दिया।

सुभाष के मुताबिक, उसने खुलकर गिरी गोस्वामी का प्रचार किया। गोस्वामी 425 वोटों से जीत गए। यहीं से रंजिश शुरू हुई। कुछ समय बाद सुभाष और उसके भाई महेश के बीच विवाद हुआ और दोनों भाइयों में बंटवारा हो गया। दोनों के हिस्से में 15-15 बीघा जमीन आई। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाने की सोची थी।

वे उसके भाई और भाभी को भड़काने लगे। उनकी मंशा थी कि महेश को मार देंगे तो आरोप सुभाष पर आएगा और वो फंस जाएगा। वारदात से दो दिन पहले आरोपी उसे साथ लेकर गांव में घूमने लगे। 4 सितंबर 2022 को भी आरोपियों ने उसे फोन लगाकर बुलाया। फिर उसके शर्ट से गला दबाकर मार डाला था। हालांकि, उनकी साजिश कामयाब नहीं हो पाई।

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