सिवनी केवलारी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेताओं ने खोला अपने ही विधायक के खिलाफ मोर्चा
भोपाल से संतोष सिंह तोमर की रिपोर्ट
*सिवनी के केवलारी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेताओं ने अपने ही विधायक के विरुद्ध खोला मोर्चा।*
केवलारी से भाजपा के विधायक हैं राकेश पाल सिंह।*
*भ्रष्टाचार और कार्यकर्ताओं की अनदेखी के लगे आरोप।*
*भोपाल।* मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा से बड़ी खबर निकल कर सामने आई है। केवलारी विधानसभा के लिये अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने किसी को भी चुनाव प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। लेकिन प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने के पहले ही पार्टी के नेताओं के बगावती तेवर सामने आने लगे हैं। राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा जरूर जोर पकड़ रही है कि भाजपा यहां से पार्टी के वर्तमान विधायक राकेश पाल सिंह पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें फिर एक बार उम्मीदवार घोषित कर सकती है। गुप्त सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार भी भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में चुनाव प्रत्याशी के रूप में राकेश पाल सिंह के नाम पर सहमति बन चुकी है और अगली प्रत्याशी सूची में उनके नाम की घोषणा हो सकती है। भाजपा की अगली सूची जारी होने के पहले भाजपा के कई नेताओं ने राकेश पाल सिंह के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के केवलारी क्षेत्र से बजरंग दल और भारतीय जनता पार्टी में जिला पदाधिकारी रहे शिवराज सिंह बघेल, भाजपा नेता चंद्रभूषण बिसेन (सरपंच एवं जनपद उपाध्यक्ष सरपंच संघ केवलारी) और भाजपा के सिवनी जिलाउपाध्यक्ष ने तो बाकायदा वीडियो जारी करते हुए भाजपा विधायक राकेश पाल सिंह पर भ्रष्टाचार, संघठन विरोधी कार्य करने और कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इन सभी नेताओं का कहना है कि यदि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भी वर्तमान विधायक राकेश पाल सिंह को टिकट दिया तो निश्चित ही हम निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगे। इन नेताओं के बयानों से जहां पार्टी विधायक राकेश पाल के लिए मुसीबत खड़ी होती दिखाई दे रही है, वहीं लगातार टिकट कटने से नाराज अपने ही नेताओं के विरोध के चलते मुश्किलों का सामना कर रही भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें और भी बढ़ती नजर आ रही है। अब देखना यह है कि पार्टी हाईकमान यहां विरोध को कैसे खत्म करेगा। क्या पार्टी वर्तमान विधायक राकेश पाल सिंह का टिकट काटकर किसी और को प्रत्याशी बनाएगी या स्थानीय नेताओं के विरोध को अनदेखा कर राकेश पाल सिंह को ही फिर से मैदान में उतारेगी ?