मध्य प्रदेश

सरकार ने छीना वंशानुगत मछुआरों से एक और हक

मांझी रैकवार कीर कहार आदिवासी कश्यप निषाद भोई समाज के साथ निरंतर हो रहा अत्याचार अन्याय

*मध्य प्रदेश मे भाजपा की सरकार वंशानुगत मछुआरों से एक और हक छीना*

*माझी समाज के साथ लगातार हो रहा है अन्याय*

(सुंदरलाल रायकवार )

छतरपुर। मध्यप्रदेश में माझी समाज के उप जातियों को माझी के समान आरक्षण मांग ना अब आहिस्ता आहिस्ता महंगा पड़ रहा है । शासकीय योजनाओं से वंचित किया जा रहा है और नदी तालाब सरोवर पर दबंगों से कब्जा कराया जा रहा है यह सब सत्ताधारी दल के नेताओं की मिलीभगत से हो रहा है और अब तो खुलेआम शासन के अधिकारी भी इस तरह के आदेश जारी कर वंशानुगत मछुआरों के हक को छीन रहे हैं। मध्य प्रदेश माझी जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के महासचिव सुंदर लाल रैकवार ने प्रदेश सरकार द्वारा समाज हित के विपरीत आदेश को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों

पर आरोप लगाते हुए कहा है कि विगत दो-तीन वर्षों से लगातार सरकार से पत्राचार किया और सड़कों पर भी माझी अधिकार की लड़ाई लड़ी , सरकार ने यह तो माना कि माझी के पर्याय भोई, ढीमर, केवट, कहार, मल्लाह इत्यादि सभी एक ही समुदाय की है परंतु पिछड़ा वर्ग सूची क्रमांक 12 से विलोपित नहीं किया गया । और जब विगत 8 अप्रैल 2023 को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मछुआरों के हित के लिए काम करने वाली मध्य प्रदेश माझी जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की और वहां आदेश जारी करने का आश्वासन दिया था यह बात सरकार में बैठे कुछ कथित अधिकारी और नेताओं के गले नहीं उतरी और उन्होंने सरकार की मंशा के विपरीत काम करना शुरू कर दिया है। हाल ही में मध्यप्रदेश शासन ने एक योजना मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किए हैं इस योजना के तहत प्रत्येक जिलों में एससी एसटी के 2 और 3 हितग्राही सामान्य वर्ग के लिए जाना है जिन्हें मत्स्य व्यवसाय हेतु फिस पार्लर स्थापित किए जाएंगे जिसके लिए सरकार ₹5 लाख अनुदान देगी, विडंबना देखिए मध्य प्रदेश सहकारी समितियां पूरे मध्यप्रदेश में वंशानुगत मछुआरों के लिए आरक्षित की गई हैं उन्हें सरकार की योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है मत्स्य क्रेडिट कार्ड मछुआ आवास नीति मत्स्य वाहन क्रय हेतु अनुदान इत्यादि तमाम शासन की योजनाओं का लाभ जो मिलना चाहिए उसे दरकिनार किया गया और अब यह एक योजना जिससे वंशानुगत मछुआरों का भला हो सकता था वह भी उनसे छीनकर गैर वंशानुगत मछुआरों को दे दी गईहै निश्चित रूप से मध्यप्रदेश की भाजपा शिवराज सरकार मछुआरों के साथ वैमनुष्यतापूर्ण कार्यवाही कर रही है। इससे पूर्व गुजरे साल भारत सरकार द्वारा मत्स्य संपदा योजना के तहत भी वंशानुगत मछुआरों के हितार्थ पंजीकृत समितियों को अनुदान राशि दी गई थी जिसमें मध्य प्रदेश सरकार के कथित मंत्री तुलसीराम सिलावट ने केवल एस सी एसटी की मछुआ समितियों को पूरी राशि बांट दी थी,वंशानुगत मछुआरों की समितियों को अनुदान नहीं दिया, जिससे प्रतीत होता है कि सरकार की मंशा को मछुआरों के साथ दुर्भाग्यपूर्ण हैं। सरकार से ऐसे आदेशों को परिवर्तित करने का आग्रह किया गया है ताकि आर्थिक रूप से बेहद तंगी के दौर से गुजर रहे वंशानुगत मछुआरे भी विकास की धारा में चल सके।

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