लाख की खेती सतत ग्राम विकास में लाभकारी-डॉ मंडल शोध पुस्तक भेंट की कहा रायसेन जिले में लाख की खेती की प्रबल संभावना
ग्रामीण क्षेत्र में लाख की खेती से रोजगार सृजन के लिए केएसएस करेगी प्रयास -डॉ सेन
लाख की खेती सतत ग्राम विकास में लाभकारी-डॉ मंडल शोध पुस्तक भेंट की कहा रायसेन जिले में लाख की खेती की प्रबल संभावना
डॉ बाबा साहेब आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविधालय महू के पूर्व शोधार्थी का ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान
ग्रामीण क्षेत्र में लाख की खेती से रोजगार सृजन के लिए केएसएस करेगी प्रयास -डॉ सेन
रायसेन।
डॉ बाबा साहेब आंबेडकर समाज विज्ञान विश्वविद्यालय महू के पूर्व शोधार्थियों ने ग्रामीण विकास की दिशा में उनके द्वारा किये जा रहे कर्यो और अनुभवों को साझा किया। कृषक सहयोग संस्थान कार्यालय में ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने उन्होंने विभिन्न सुझाव दिए। पश्चिम बंगाल में लाख की खेती के माध्यम से सतत ग्रामीण विकास के मॉडल पर कार्य कर रहे प्रोफेसर डॉ कल्याण मंडल जनाकारी साझा की। उन्होंने संस्था के निदेशक एच बी सेन को जिले की भूमि और पर्यावरण को देखते हुए लाख की खेती को अतिरिक्त आय के लिये अपनाने की सलाह दी। डॉ सेन ने कहा जिले में ग्रामीणों को लाख की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा।
जिले में लाख की खेती हो सकती है लाभकारी-
प्रोफेसर डॉ कल्याण कुमार मंडल ने लाख की खेती से सतत ग्रामीण विकास पुस्तक में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला में लाख की खेती पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि लाख की खेती करने की रायसेन जिले में प्रवल सम्भावनाये है। लाख की खेती जोखिम विहीन होती है। इसके लिए पलास,(खाखरा) एवं बेरी जैसे पेड़ो पर सुगमता पूर्वक कर सकते है। इस अवसर पर उनके द्वारा लिखी गई शोध पुस्तक लाख की खेती के माध्यम से सतत ग्रामीण विकास विषय पर केंद्रित पुस्तक संस्था को सप्रेम भेंट की।
कम निवेश जोखिम शून्य-
उन्होंने बताया कि लाख की खेती पुरुलिया जिले में आदिवासी लोगों द्वारा की जाती है। बहुत ही सरल तकनीक से लाख की खेती की जा सकती है।इसके लिए बहुत कम निवेश की आवश्यकता होती है। इसकी खेती कम वर्षा वाले क्षेत्रो में की जा सकती है। फसल खराब होने की कोई संभावना नहीं है। लाख की खेती से पर्याप्त आय और रोजगार सृजन संभव है। महिलाएं अपने घरेलू कामकाज के साथ लाख की खेती से भी आय अर्जित कर सकती हैं। पुरुलिया जिले की लाख उत्पादक आदिवासी महिलाएं अपने बच्चो की उत्तम परवरिश कर उन्हें शिक्षित कर रही है। इसके अलावा वे आत्मनिर्भर होकर अपने पतियों को शराब के सेवन से दूर कर हैं। इसलिए निस्संदेह यह कहा जा सकता है कि लाख पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में आदिवासी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
समाज सेवा में योदन कर रहे पूर्व शोधार्थी-
अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रथम बैच के डॉ योगेश सिसोदिया डायरेक्टर निर्मल पब्लिक स्कूल (CBSC) छिन्दवाड़ा ने बताया कि उनके विद्यालय से निकले छात्र विभिन क्षेत्रो में आगे बढ़कर देश सेवा कर रहे है । इसी तरह डॉ एच बी सेन ने शासकीय सेवाओं के बजाय समाज सेवा के क्षेत्र में उत्तम योगदान दे रहे है।इस अवसर पर संस्था के जिला समन्वयक अनिल भवरे ने जिले में संचालित गतिविधियों को साझा किया