अब अफसरों को आम जनता की अनदेखी करना पड़ेगा भारी,,
अब अफसरों को आम जनता की अनदेखी करना पड़ेगा भारी
सुशासन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सख्ती का असर अब धीरे धीरे नीचे स्तर पर भी दिखाई देने लगा है। अब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान पक्षकारों और आम जनता की अनदेखी करना भारी पड़ सकता है। दरअसल हाल ही में नरसिंहपुर के एसडीएम ने अपने दफ्तर के कर्मचारियों को एक आदेश जारी कर आगाह किया है कि ड्यूटी के समय मोबाईल पर पर्सनल बातें न करें, सिर्फ सरकारी वार्तालाप ही करें जिससे सरकारी कामकाज में बाधा न पहुंचे। बता दें कि ऐसी शिकायतें आ रही थी कि कर्मचारी अपने रिश्तेदारों से मोबाइल पर बात करते रहते हैं और ऐसे में जनता के काम नहीं हो पाते हैं। आदेश में कहा गया है कि अब ऐसा करते पाए जाने पर कर्मचारियों अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। अब दफ्तर समय में सिर्फ सरकारी काम के लिए ही मोबाइल पर बात की जा सकेगी।
मंत्री प्रद्युम्न सिंह की अनूठी पहल, सब दूर हो रही चर्चा
क्षेत्र की जनता से सतत संपर्क में रहने और अपने अनूठे कामों से हमेशा चर्चा में रहने वाले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं ग्वालियर जिले की ग्वालियर विधानसभा के विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने घोषणा की है कि अब वे फूलों से बनी माला स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने अपने समर्थकों से आग्रह किया है कि वे इस फिजूलखर्ची को किसी कन्या की शादी में लगाएं। प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह बात अपनी विधानसभा के कई क्षेत्रों में के जा रही पदयात्रा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि उनकी पदयात्रा के दौरान जनता की बिजली, पानी सहित नगर निगम से जुड़ी बुनियादी समस्याओं का आॅन दी स्पॉट निराकरण किया जाएगा।
रेरा अध्यक्ष के लिए बने पैनल में मनोज मजबूत दावेदार
रेरा चेयरमैन पद के लिए जो तीन आईएएस अफसरों का पैनल बनाया गया है, उसमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव की दावेदारी प्रबल मानी जा रही है। हालांकि उनके नाम के साथ ही प्रशासन अकादमी के महानिदेशक एपी श्रीवास्तव और कृषि उत्पादन आयुक्त डीके सिंह के नाम भी पैनल में शामिल है। बहरहाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इनमें से ही किसी एक को रेरा अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला करेंगे। चूंकि मनोज श्रीवास्तव ने लंबे समय तक सीएम के साथ जुड़े रहे कर काम किया है। वे उनके स्कूल समय के साथी भी हैं, इसका फायदा उन्हें मिल सकता है। गौरतलब है कि भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण रेरा के अध्यक्ष के लिए एक दर्जन से अधिक अफसरों ने आवेदन किया था। उसके बाद इस पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीनों के नामों का पैनल बनाया गया है। अब इसमें से ही किसी अफसर को अध्यक्ष बनाया जाएगा।
पढ़ाई के साथ स्कूली बच्चे सीखेंगे अच्छा खानपान और स्वच्छता
अब स्कूलों में बच्चों को अच्छी स्वच्छता, सेहत और खानपान के प्रति भी जागरुक किया जाएगा। इसके तहत भारतीय खाद्य एवं मानक प्राधिकरण की तरफ से स्कूल कालेज एवं अन्य कैंपस के अलावा जिले में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए बारह तरह की गतिविधियां की जा रही है। प्राधिकरण द्वारा देशभर के 150 जिले ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में पहले चरण में शामिल किए गए हैं। इसमें मध्यप्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, सागर, रीवा, उज्जैन, शहडोल और मुरैना जैसे जिले शामिल किए गए हैं। वहीं कुछ उन स्कूलों को भी शामिल किया गया है जिनमें मध्यान्ह भोजन दिया जाता है। इसमें शिक्षक बच्चों को बताएंगे कि खाने में क्या क्या शामिल करें। व्यंजनों की भी जांच की जाएगी। इसके लिए हर स्कूल के एक शिक्षक को एक दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।