मध्य प्रदेश

कलेक्टर ने की जिला बदर कार्यवाही निरस्त, आरोप: जयस कार्यकर्ता पर निराधार कार्यवाही चिन्ताजनक  बड़वानी जिले के सामाजिक कार्यकर्ता ने इंदौर उच्च न्यायालय में जीती न्याय की लड़ाई

रामकृष्ण सैलिया की रिपोर्ट

 

कलेक्टर ने की जिला बदर कार्यवाही निरस्त, आरोप: जयस कार्यकर्ता पर निराधार कार्यवाही चिन्ताजनक

बड़वानी जिले के सामाजिक कार्यकर्ता ने इंदौर उच्च न्यायालय में जीती न्याय की लड़ाई

बड़वानी: निवाली के जयस कार्यकर्ता दीपक निंगवाल और उनके पिता विक्रम निंगवाल के ऊपर जिला बदर की कार्यवाही को कलेक्टर (न्यायालय जिला दंडाधिकारी) ने दिनांक 28/01/2025 आदेश पारित कर निरस्त कर दिया है। जयस एवं अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारीयों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस राजनैतिक दबाव में पूर्वनियोजित षड्यंत्र के तहत न्यायालय में झूठी रिपोर्ट पेश किया तथा फंसाने के लिए पुलिस प्रशासन की शक्तियों का दुरूपयोग करने कार्य किया है।

पुलिस की झूठी रिपोर्ट पर कलेक्टर का पूर्व का आदेश:

बड़वानी कलेक्टर न्यायालय ने क्रमांक 89/जिला बदर /2024 में पारित आदेश दिनांक 05-11-2024 को पुलिस की संपूर्ण तथ्य असत्य और फर्जी निराधार रिपोर्ट के आधार पर जिला बदर की कार्यवाही की गई थी जिसमें मिथ्या आरोपों में लिप्त करते हुए झूठे एवं आधे अधूरे रिकॉर्ड माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए राजनीतिक षड्यंत्र के तहत पूर्व नियोजित तरीके से फसाने के लिए कहा गया था कि अनावेदक दीपक निंगवाल और उनके पिता विक्रम निंगवाल पुलिस थाना निवाली अंतर्गत आदतन अपराधी है, अपराधिक और सांप्रदायिक मानसिकता से ग्रसित होकर शहर में लड़ाई झगड़ा, मारपीट, उत्तेजित होकर घटना कारित करना, धमकियां देना, व महिला से संबंधित अपराध के बताए गए तथा सक्रिय रूप से भय और आतंक के माध्यम से सांप्रदायिकता का वातावरण निर्मित कर निवाली एवं आसपास क्षेत्र के लोक व्यवस्था एवं परिशांति भंग करने के लिए प्रतिनिधित्व है अनावेदक के आतंक पूर्ण एवं अवैधानिक आचरण से निवाली ही नहीं अपितु संपूर्ण बड़वानी में अशांति फैलाने वाला बताया था। नागरिकों में भय और आतंक मचा कर जनमानस में आतंक करने वाला सांप्रदायिक अपराधी बताया गया था। जबकि माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन एवं लंबित कार्यवाही के संबंध में प्रस्तुत की गई संपूर्ण जानकारी पूर्वनियोजित असत्य एवं झूठी थी।

कलेक्टर वाले आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय इंदौर में लगाई याचिका और न्यायालय का मिला आदेश:

जिसके बाद दीपक निंगवाल और उनके पिता विक्रम निंगवाल ने कलेक्टर के जिला बदर आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष याचिका क्रमांक 37062/2024 प्रस्तुत कर न्याय की गुहार लगाई जिसमें इसमें माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 9.12.2024 को आदेश पारित कर कलेक्टर न्यायालय बड़वानी के प्रकरण क्रमांक 89/जिला बदर/2024 में पारित आदेश दिनांक 5.11.24 का आदेश निरस्त करते हुए प्रकरण प्रेषित कर दीपक निंगवाल व उनके पिता विक्रम निंगवाल को सुनवाई का अवसर प्रदान करने हेतु नए सिरे से आदेश पारित करने हेतु निर्देशित किया गया था।

कलेक्टर का नया आदेश क्या है?

कलेक्टर के नए आदेश पारित दिनांक 28.01.2025 जिसमें दिनांक 20.12.2024 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष याचिका क्रमांक 37062/2024 प्रस्तुत की गई थी जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 9.12.2024 को आदेश पारित कर कलेक्टर न्यायालय बड़वानी की प्रकरण क्रमांक और 89/ जिला बदर/ 2024 में पारित आदेश दिनांक 5.11.2024 का आदेश निर्देश करते हुए कार्य प्रकरण प्रेषित कर अनावेदक को सुनवाई का अवसर प्रदान करने हेतु नए सिरे से आदेश निर्देश किया गया अनावेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र के साथ न्यायालय की प्रति पेश कीजिए।

दीपक निंगवाल द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र के संबंध में आवेदन की सुनवाई हेतु तलब किया गया प्रकरण में अनावतन द्वारा उपस्थित होकर लिखित जवाब एवं माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के निर्णय की छायाप्रति दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।

कलेक्टर में मौखिक तर्क एवं लिखित तर्क प्रस्तुत कर बताया कि दीपक निगवाल का विवाह दहेज प्रताड़ना से संबंधित होकर पारिवारिक विवाद से संबंधित था दीपक द्वारा अन्य किसी प्रकार का कोई कृत्य नहीं किया गया जिससे कि कोईशांति भंग हुई हो अनावेदक के विरुद्ध असत्य आधारों पर प्रकरण बनाया गया है ऐसी स्थिति में प्रचलित प्रकरण को समाप्त किया गया है न्यायलय दंडाधिकारी जिला बडवानी (कलेक्टर) के द्वारा संपूर्ण प्रकरण एवं प्रस्तुत दस्तावेजों का उल्लेख किया गया प्रकरण के अनावेदक से तथा अनावेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के अवलोकन से प्रकरण में कोई गंभीर अपराध कृत नहीं पाया गया है ऐसी स्थिति में अनावेदक के विरुद्ध जिला बदर की कार्यवाही की जाना उचित प्रतीत नहीं होता एवं अतएव प्रकरण इसी स्तर पर समाप्त कर निरस्त किया जाता है।

उक्त मामले पर प्रतिक्रिया : 👇🏼

“हम माननीय उच्च न्यायालय इंदौर का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने हमारे मामले में न्याय किया है। मुझे और मेरे पिता को राजनैतिक दबाव में निवाली पुलिस थाना प्रभारी द्वारा झूठे और मिथ्या निराधार प्रकरण लादकर हमारे खिलाफ पूर्व नियोजित षडयंत्र किया था। मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा पर कुठाराघात करते हुए जिला बदर किया तथा लांछन लगाकर फसाने का संपूर्ण असफल प्रयास किया किंतु माननीय न्यायालय ने हमें न्याय दिलाया है। ये शोषित और पीड़ित आदिवासियों की जीत है, न्याय की लड़ाई में संविधान की जीत हुए है।”

-दीपक निंगवाल, पीड़ित आदिवासी तथा जयस कार्यकर्ता

“झूठी और निराधार कार्यवाही कर सामाजिक कार्यकर्ताओं की प्रतिष्ठा पर आक्रमण करना न्यायसंगत नहीं है। यह पूर्व नियोजित कार्यवाहीं प्रतीत होती है? इस प्रकार आदिवासियों की आवाज को दबाने के लिए जिला बदर करना चिंताजनक है। आम जनमानस के लिए उचित नहीं है, ये मानसिक शोषण का अनूठा उदाहरण है।”

-अधि. अजय कनोजे, जयस राष्ट्रीय सचिव

जयस जिला बडवानी

मीडिया विभाग/जनसंपर्क

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