धामनोद से संवाददाता सौभाग प्रजापतिन्यायोत्सव विधिक सेवा सप्ताह के तहत मां नर्मदा महाविद्यालय धामनोद में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
धामनोद से संवाददाता सौभाग प्रजापति
धामनोद से संवाददाता सौभाग प्रजापतिन्यायोत्सव विधिक सेवा सप्ताह के तहत मां नर्मदा महाविद्यालय धामनोद में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
धामनोद/मां नर्मदा महाविद्यालय धामनोद में विधिक सेवा सप्ताह के तहत श्रीमान उमेश कुमार सोनी जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धार के मार्गदर्शन में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीमान कपिल वर्मा अतिरिक्त सत्र जिला न्यायाधीश धरमपुरी महाविद्यालय निदेशक डॉ मनोज नाहर,निर्देशिका श्रीमती रीना♦ नाहर,प्राचार्य डॉ. अभिलाषा अस्ठाना द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख प्रज्वलित कर किया गया| मुख्य अतिथि श्री वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि यौन अपराधो से बच्चो को संरक्षण हेतु POCSO प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट अधिनियम बनाया गया है जो कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चो पर लागु होता है |इस अधिनियम को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने वर्ष 2012 मे बनाया है, इस कानून के अंतर्गत नाबालिक बच्चो के प्रति योन उत्पीडन, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़-छाड़ के मामलो में कार्यवाही की जाती है, इस कानून के तहत अलग अलग अपराध के लिए अलग अलग सजा निर्धारित है, यह अधिनियम पुरे भारत में लागु है, पॉस्को कानून के तहत सभी अपराधो की सुनवाई एक विशेष न्यायालाय द्वारा केमरे के सामने बच्चो के माता पिता या जिन लोगो पर बच्चा विश्वास करता है उसकी उपस्थिति में होती है।महाविद्यालय निदेशक डॉ.नाहर ने विद्यार्थियों को विद्यार्थियों को न्याय से संबंधित विशेष अधिकारों एवं कर्तव्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संविधान द्वारा संरक्षित सामान्य कानूनी अधिकारों के विपरीत मौलिक अधिकारों को देश के संविधान द्वारा गारंटी एवं सुरक्षा प्रदान की गई है।कुछ अधिकार सिर्फ नागरिकों के लिये उपलब्ध हैं, जबकि अन्य सभी व्यक्तियों के लिये उपलब्ध हैं चाहे वे नागरिक, विदेशी या कानूनी व्यक्ति हों जैसे- परिषद एवं कंपनियाँ।राज्य उन पर उचित प्रतिबंध लगा सकता है। हालाँकि कारण उचित है या नहीं इसका निर्णय अदालत करती है। ये न्यायोचित हैं। जब भी इनका उल्लंघन होता है ये व्यक्तियों को अदालत जाने की अनुमति देते हैं। मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में कोई भी पीड़ित व्यक्ति सीधे सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जा सकता है। निर्देशिका श्रीमती नाहर ने साइबर अपराध से बचने के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि साइबर अपराध से बचने के लिए अपनी निजी जानकारी किसी के साथ कभी शेयर ना करे, ओ टी पी अथवा वन टाइम पासवर्ड जो केवल निजी जानकारी के लिए होता है अगर वह किसी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर कर दिया तो शेयर करने वाले व्यक्ति का बैंक खाता खाली हो सकता है इसीलिए मोबाइल पर प्राप्त कोई भी ओ टी पी किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर ना करे चाहे वह व्यक्ति आपके लिए या आपके भले के लिए कोई कार्य कर रहा हो क्युकी साइबर अपराधी पीड़ित व्यक्ति को झांसा देकर विश्वास में लेकर ओ टी पी पूछता है ओ टी पी शेयर करते ही वह व्यक्ति ठगी का शिकार हो जाता है इसलिए अपना बैंक खाता, ओ टी पी, क्रेडिट व डेबिट कार्ड या अन्य किसी भी प्रकार की निजी जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति से शेयर ना करे अनजान अथवा अज्ञात लिंक पर भी क्लीक ना करे ना ही किसी के कहने पर अपने फ़ोन में कोई सोफ्टवेअर या एप्लीकेशन इनस्टॉल ना करे अगर किसी भी प्रकार का साइबर अपराध घटित हो जाता है तो तुरंत रास्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 व साइबर अपराध पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करवाए। प्राचार्य डॉ. अस्ठाना ने महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्त्री को सृजन की शक्ति माना जाता है अर्थात स्त्री से ही मानव जाति का अस्तित्व माना गया है, इस सृजन की शक्ति को विकसित परिष्कृत कर उसे सामाजिक, आर्थिक, विचार, विश्वास और धर्म और अवसर की समानता का सुअवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण है| इसका उद्देश्य महिलाओ को अपने जीवन पर स्वतंत्रता और निर्णय की शक्ति प्रदान करना, उनमे आंतरिक मूल्य की भावना पैदा करना तथा स्वयं और दुसरो के लिए सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने के उनके अधिकार को सुनिश्चित करना है। बाल अपराध एवं यौन शोषण के प्रति जागरूकता लाने के लिए बीएससी बायोटेक तृतीय वर्ष की छात्राओं द्वारा एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया कार्यक्रम का संचालन प्रो नीलम नाईक के द्वारा किया गया कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय निदेशक डॉक्टर नाहर द्वारा मुख्य अतिथि श्रीमान कपिल वर्मा को स्मृति चिन्ह भेद किया गया, कार्यक्रम में विशेष सहयोग प्रो दिनेश नायडू, प्रो राखी पंवार, प्रो कृतिका कुशवाह, प्रो जयेंद्र महंत, प्रो प्रवीण बैरागी, एडमिन श्रीमान विकास दांगी एवं श्रीमति सोनाली कुशवाह का रहा।