लगभग 3000 लोगों को प्रतिदिन भोजन करा रहा है खजराना गणेश मंदिर
इन्दौर से रामकृष्ण सेलिया की रिपोर्ट
*लगभग 3000 लोगों को प्रतिदिन भोजन करा रहा है खजराना गणेश मंदिर
खजराना गणेश मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित भोजशाला में प्रतिदिन लगभग 3000 से ज्यादा लोगों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है।भोजन शाला में भक्तों द्वारा दान की गई सामग्री के अलावा प्रबंध समिति द्वारा पूरा खर्च उठाया जाता है। इस भोजनशाला की शुरुआत मंदिर के मुख्य पुजारी स्वर्गीय भालचंद्र जी भट्ट द्वारा 40 वर्ष पूर्व की गई थी। उन्होंने मंदिर में भोजन शाला शुरू करने के लिए पूरे गांव में घर-घर जाकर अन्न की भिक्षा मांगी थी और ग्रामीणों ने बढ़-चलकर अन्न दान किया था। तब से छोटे रूप में एक छोटे से कमरे में शुरू की गई भोजन शाला को ग्रामीणों ने कभी बंद नहीं होने दिया। बाद में मंदिर सरकारी होने पर प्रबंध समिति ने यह जिम्मा संभाला। खजराना मंदिर की भोजशाला की विशेषता यह है कि यहां पूरे वर्ष सुबह 11:00 बजे से 3:30 तक भोजन कराया जाता है जिसमें प्रतिदिन दाल चावल, सब्जी, रोटी और खीर परोसी जाती है। विशेष त्योहारों के मौके पर विशेष भोजन बनाया जाता है। दोपहर तक लगभग 1700 लोग प्रतिदिन यहां भोजन करते हैं । साफ सफाई के लिए एक घंटा भोजशाला बंद रहती है और 4:30 के बाद फिर भक्तों के लिए भरपेट खिचड़ी और कढ़ी का प्रसाद दिया जाता है। इस भोजनशाला के संचालन पर प्रतिमाह लगभग 17 से 18 लाख रुपए खर्च होते हैं । भोजन शाला में क्वालिटी का पूरा ध्यान रखा जाता है वही साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। यहां आने वाले भक्त भगवान गणेश जी का प्रसाद मानकर परिवार के साथ भोजन ग्रहण करते हैं। भोजशाला के लिए 35 हजार से लेकर 1लाख या इससे ज्यादा दान करने वाले लगभग 600 आजीवन सदस्य हैं। साथ ही शादी ब्याह जन्मदिन या अन्य शुभ मौके पर लोगों द्वारा यहां भोजन व्यवस्था के लिए दान दिया जाता है। भोजशाला के लिए नियुक्त किए गए कर्मचारियों के अलावा भी कई लोग स्वैच्छिक रूप से इस भोजशाला में अपनी से नियमित सेवाएं देते हैं। हाल ही में दानदाता बल्लू अग्रवाल द्वारा अपनी मां की स्मृति में इस भोजनशाला का विस्तार कराया गया है। भोजशाला में सभी भक्तों के लिए एक ही तरह की बैठक और भोजन भी सभी को एक ही तरह का भरोसा जाता है। अगर खजराना मंदिर दर्शन करने आएं तो एक बार इस भोजशाला में भोजन अवश्य ग्रहण करें।