सांची में कांग्रेस के चेहरा हो सकते हैं युवा कांग्रेस नेता संदीप मालवीय
उपेन्द्र कुमार गौतम की रिपोर्ट
सांची में भाजपा से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी और कांग्रेस से संदीप मालवीय में हो सकता है मुकाबला
सांची में भाजपा से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी और कांग्रेस से संदीप मालवीय में हो सकता है मुकाबला
वर्तमान परिवेश में कांग्रेस के पास नहीं है और कोई दमदार चेहरा,पहले भी आ चुका है सूची में संदीप का नाम
भाजपा से डॉ. चौधरी के नाम पर जल्दी सकती है मुहर
रायसेन।
विधानसभा चुनाव 2023 में अब कुछ समय ही शेष बचा हुआ है। आगामी एक सप्ताह बाद आदर्श आचार संहिता भी चुनाव आयोग द्वारा लगा दी जाएगी। वहीं भाजपा और कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची घोषित करना प्रारंभ कर दिया है। साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस से बाजी मार रखी है। सबसे अधिक प्रत्याशी घोषित बीजेपी द्वारा किए जा चुके हैं। अभी कांग्रेस की सूची जारी नहीं हो सकी है कहीं ना कहीं केंद्रीय मंत्री और सांसदों को उतारने के बाद भाजपा में तो उथल-पुथल मची हुई है साथ ही कांग्रेस भी जजमेंट लगाने में लगी हुई है कि अब हमें करना क्या है। हालांकि कई क्षेत्रों में भाजपा का दबदबा लगातार जारी है तो कांग्रेस भी पीछे नहीं है। इस बार विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। वही बात की जाए रायसेन जिले की चारों विधानसभा की तो भोजपुर और सांची में भाजपा का दब दबा ज्यादा है। वही सिलवानी बेगमगंज विधानसभा और उदयपुरा बरेली विधानसभा में कांटे की टक्कर का चुनाव देखने को मिलेगा। भाजपा ने बरेली उदयपुरा विधानसभा से भाजपा के नेता व पूर्व जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष शिवाजी पटेल के पुत्र व भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र पटेल पर भरोसा जताया है। अभी यह सीट कांग्रेस के पास है और देवेंद्र सिंह पटेल गडरवास विधायक हैं। देवेंद्र सिंह पटेल ने भाजपा के पूर्व विधायक रामकिशन पटेल को लग भग 46000 वोटो से हराया था इतनी लंबी लीड का सामना करना बीजेपी के लिए चुनौती रहेगी। हालांकि किरार और ठाकुरों को वोटो के साथ-साथ रघुवंशी ब्राह्मणों के वोट भी अधिक मायने रख सकते हैं। इसीबीच सिलवानी बेगमगंज विधानसभा में पूर्व मंत्री व विधायक रामपाल सिंह राजपूत एवं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवेंद्र पटेल की पुरानी जोड़ी ही चुनाव लड़ने की संभावना है जताई जा रही है। बता देंकि रामपाल सिंह राजपूत पहले देवेंद्र पटेल से 6000 मतों से ही जीत सके थे। यहां भी लोधी रघुवंशी और आदिवासियों का वोट अधिक महत्व रखता है। अब बात की जाए सांची विधानसभा की तो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस के मदन अहिरवार को 64000 वोटो से हराया था। वहीं अब चौधरी का दबदबा सांची विधानसभा क्षेत्र में पहले की अपेक्षा अधिक माना जा रहा है। 64000 की जीत और भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास और निर्माण कार्य ही भाजपा को विजय दिलाएंगे। सरल सहज मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डॉ. चौधरी से जनता काफी खुश है लगातार दिन प्रतिदिन सांची विधानसभा क्षेत्र में विकास और निर्माण कार्यों के भूमि पूजन लोकार्पण के कार्य निरंतर किए जा रहे हैं। देखने में आ रहा है कि पिछले पांच वर्षों की अपेक्षा इन पांच वर्षों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सांची में अधिक ध्यान देते हुए विकास विकास की गंगा प्रभु के साथ मिलकर बहाई है और इसका पूरा लाभ भाजपा के प्रत्याशी को मिलेगा। सूत्रों के अनुसार डॉक्टर चौधरी के नाम पर जल्दी ही
मोहर लग सकती है। हालांकि इन दोनों एक नाम चर्चाओं में है। वही बात की जाए कांग्रेस की तो कांग्रेस से चार-पांच नाम सामने आ रहे हैं लेकिन सबसे पुराना नाम संदीप मालवीय का है। संदीप लगातार विपक्ष की भूमिका निभाते हुए विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने अपनी अच्छी पकड़ बना रखी है। साथी युवाओ का लाभ कांग्रेस पार्टी को मिलेगा ही और कुशल व्यवहार और मध्यमवर्गीय परिवार के होने का फायदा भी संदीप को पर्सनल तौर पर मिल सकता है। कांग्रेस के पास जो और चेहरे हैं उनकी मार पड़ नहीं है बतादें कि विपक्ष की भूमिका में सबसे अधिक कार्य संदीप मालवीय की टीम ने किया है। चाह धरना हो, प्रदर्शन हो, या नगर विकास की कोई भी बात हो। 2018 के विधानसभा चुनाव में पहले भी एक बार संदीप का नाम सूची में आ चुका था लेकिन जब कांग्रेस ने डॉ. प्रभुराम चौधरी को उतारा था। लेकिन अब डॉक्टर प्रभुराम चौधरी भाजपा से चुनाव लड़ सकते हैं हालांकि यह अभी कहां नहीं जा सकता किसको टिकट मिलेगा और ऊँट किस करवट बैठेगा। लेकिन संभवता इन दोनों के बीच में सांची विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला हो सकता है।
वर्तमान परिवेश में कांग्रेस के पास नहीं है और कोई दमदार चेहरा,पहले भी आ चुका है सूची में संदीप का नाम
भाजपा से डॉ. चौधरी के नाम पर जल्दी सकती है मुहर
रायसेन।
विधानसभा चुनाव 2023 में अब कुछ समय ही शेष बचा हुआ है। आगामी एक सप्ताह बाद आदर्श आचार संहिता भी चुनाव आयोग द्वारा लगा दी जाएगी। वहीं भाजपा और कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची घोषित करना प्रारंभ कर दिया है। साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस से बाजी मार रखी है। सबसे अधिक प्रत्याशी घोषित बीजेपी द्वारा किए जा चुके हैं। अभी कांग्रेस की सूची जारी नहीं हो सकी है कहीं ना कहीं केंद्रीय मंत्री और सांसदों को उतारने के बाद भाजपा में तो उथल-पुथल मची हुई है साथ ही कांग्रेस भी जजमेंट लगाने में लगी हुई है कि अब हमें करना क्या है। हालांकि कई क्षेत्रों में भाजपा का दबदबा लगातार जारी है तो कांग्रेस भी पीछे नहीं है। इस बार विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। वही बात की जाए रायसेन जिले की चारों विधानसभा की तो भोजपुर और सांची में भाजपा का दब दबा ज्यादा है। वही सिलवानी बेगमगंज विधानसभा और उदयपुरा बरेली विधानसभा में कांटे की टक्कर का चुनाव देखने को मिलेगा। भाजपा ने बरेली उदयपुरा विधानसभा से भाजपा के नेता व पूर्व जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष शिवाजी पटेल के पुत्र व भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र पटेल पर भरोसा जताया है। अभी यह सीट कांग्रेस के पास है और देवेंद्र सिंह पटेल गडरवास विधायक हैं। देवेंद्र सिंह पटेल ने भाजपा के पूर्व विधायक रामकिशन पटेल को लग भग 46000 वोटो से हराया था इतनी लंबी लीड का सामना करना बीजेपी के लिए चुनौती रहेगी। हालांकि किरार और ठाकुरों को वोटो के साथ-साथ रघुवंशी ब्राह्मणों के वोट भी अधिक मायने रख सकते हैं। इसीबीच सिलवानी बेगमगंज विधानसभा में पूर्व मंत्री व विधायक रामपाल सिंह राजपूत एवं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवेंद्र पटेल की पुरानी जोड़ी ही चुनाव लड़ने की संभावना है जताई जा रही है। बता देंकि रामपाल सिंह राजपूत पहले देवेंद्र पटेल से 6000 मतों से ही जीत सके थे। यहां भी लोधी रघुवंशी और आदिवासियों का वोट अधिक महत्व रखता है। अब बात की जाए सांची विधानसभा की तो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस के मदन अहिरवार को 64000 वोटो से हराया था। वहीं अब चौधरी का दबदबा सांची विधानसभा क्षेत्र में पहले की अपेक्षा अधिक माना जा रहा है। 64000 की जीत और भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास और निर्माण कार्य ही भाजपा को विजय दिलाएंगे। सरल सहज मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डॉ. चौधरी से जनता काफी खुश है लगातार दिन प्रतिदिन सांची विधानसभा क्षेत्र में विकास और निर्माण कार्यों के भूमि पूजन लोकार्पण के कार्य निरंतर किए जा रहे हैं। देखने में आ रहा है कि पिछले पांच वर्षों की अपेक्षा इन पांच वर्षों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सांची में अधिक ध्यान देते हुए विकास विकास की गंगा प्रभु के साथ मिलकर बहाई है और इसका पूरा लाभ भाजपा के प्रत्याशी को मिलेगा। सूत्रों के अनुसार डॉक्टर चौधरी के नाम पर जल्दी ही
मोहर लग सकती है। हालांकि इन दोनों एक नाम चर्चाओं में है। वही बात की जाए कांग्रेस की तो कांग्रेस से चार-पांच नाम सामने आ रहे हैं लेकिन सबसे पुराना नाम संदीप मालवीय का है। संदीप लगातार विपक्ष की भूमिका निभाते हुए विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने अपनी अच्छी पकड़ बना रखी है। साथी युवाओ का लाभ कांग्रेस पार्टी को मिलेगा ही और कुशल व्यवहार और मध्यमवर्गीय परिवार के होने का फायदा भी संदीप को पर्सनल तौर पर मिल सकता है। कांग्रेस के पास जो और चेहरे हैं उनकी मार पड़ नहीं है बतादें कि विपक्ष की भूमिका में सबसे अधिक कार्य संदीप मालवीय की टीम ने किया है। चाह धरना हो, प्रदर्शन हो, या नगर विकास की कोई भी बात हो। 2018 के विधानसभा चुनाव में पहले भी एक बार संदीप का नाम सूची में आ चुका था लेकिन जब कांग्रेस ने डॉ. प्रभुराम चौधरी को उतारा था। लेकिन अब डॉक्टर प्रभुराम चौधरी भाजपा से चुनाव लड़ सकते हैं हालांकि यह अभी कहां नहीं जा सकता किसको टिकट मिलेगा और ऊँट किस करवट बैठेगा। लेकिन संभवता इन दोनों के बीच में सांची विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला हो सकता है।