इंदौर-बैतूल फोरलेन: अंडरपास की ऊंचाई कम, नहीं निकल पाती अनाज से भरी ट्रॉली व हार्वेस्टर, 40 से ज्यादा किसान हो रहे हैं परेशान
खातेगाँव देवास पत्रकार रवि कुमरे
इंदौर-बैतूल फोरलेन: अंडरपास की
ऊंचाई कम, नहीं निकल पाती अनाज से भरी ट्रॉली व हार्वेस्टर, 40 से ज्यादा किसान हो रहे हैं परेशान
इंदौर-बैतूल फोरलेन पर बना खातेगांव बायपास किसानों के लिए आफत बन गया है। विद्युत मंडल से पाड़ियादेह मार्ग पर बायपास के दूसरी ओर 40 किसानों की 250 एकड़ जमीन है। इसी मार्ग से पाड़ियादेह, बरवई व भटासा के ग्रामीण भी आते-जाते हैं। किसान पलकराम भादू, इंद्रेश यादव व वीरेंद्र विश्नोई ने बताया कि वर्तमान रास्ता करीब 100 साल पुराना है।
राजस्व अधिकारियों ने बताया था कि यहां अंडरपास बनेगा, लेकिन जब यह बनकर तैयार हुआ तो इसकी ऊंचाई इतनी कम है कि अनाज भरी हुई ट्रॉली, हार्वेस्टर या जेसीबी आदि मशीनें नहीं निकल पा रही हैं। इसका अलाइनमेंट भी गलत है। इसके कारण वाहन टर्न भी नहीं ले पाते। अधिकारियों को इस बारे में हम 8 जून 2022 से लगातार आवेदन दे रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं। फिलहाल यहां इतना पानी, कीचड़ भरा है कि पैदल या बाइक से जाना भी संभव नहीं हो पा रहा है। बरसों पुराना यह रास्ता आंशिक रूप से बंद सा कर दिया गया है।
जगदीश साहू, उम्मेद कोरकू, गजराजसिंह यादव, महेश सादजी ने बताया कि इसी रास्ते से बरसों से खातेगांव और मंडी आते-जाते रहे हैं। यहां से मंडी की दूरी महज एक किमी है, लेकिन अंडरपास की हाइट कम होने से 11 किमी का चक्कर लगाकर जाना पड़ता है। किसानों ने बताया यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा। शुक्रवार को किसान एसडीएम और एनएचएआई के
अधिकारियों से मिले और समस्या बताई। किसानों का कहना है कि सर्वे नंबर 348 पटवारी रिकॉर्ड में रास्ता है। अधिकारी कह रहे हैं कि यह अंडरपास नहीं कल्वर्ट है, जो नाले पर बनाया जाता है।
अंडरपास नहीं कल्वर्ट है, इसमें से वाहन निकालने की अनुमति नहीं- एनएचएआई के कार्तिक सेन का कहना है कि यह अंडरपास नहीं है कल्वर्ट है, जो 4 बॉय 4 मीटर का है। इसमें से वाहन निकालने की अनुमति नहीं होती है। यहां जो पानी जमा हो रहा है वह आसपास के खेतों से आया हुआ ही है।