पुलिस की गाड़ी से हुई व्यापारी की दर्दनाक मौत व्यापारी व परिजनों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग ग्राम चारुवा के नागरिक, व्यापारीगण, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं मृतक कन्हैयालाल शैलिया के परिवारजन ने सौंपा ज्ञापन
रामकृष्ण सैलिया की रिपोर्ट
पुलिस प्रशासन पर नाराज परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
पुलिस की गाड़ी से हुई व्यापारी की दर्दनाक मौत व्यापारी व परिजनों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
ग्राम चारुवा के नागरिक, व्यापारीगण, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं मृतक कन्हैयालाल शैलिया के परिवारजन ने सौंपा ज्ञापन
वारंटी की तलाश में गए पुलिसकर्मी यादव ढाबे पर रुके थे।
खिरकिया, रामकृष्ण सेलिया
ग्राम चारुवा निवासी कन्हैयालाल शैलिया, रौशनी साप्ताहिक हाट से अपना व्यवसाय समाप्त कर घर लौट रहे थे।वे स्वयं अपनी मारुति ओमनी (MP 04 BA 6117) वाहन चला रहे थे। ग्राम मोरगढ़ी पुलिया के समीप शाम लगभग 7:45 से 8:00 बजे के बीच सामने से आ रही तेज रफ्तार बोलेरो (MP 04 EB 4752) पुलिस वाहन ने उनकी गाड़ी को सीधी टक्कर मार दी। जिसके चलते उनकी मौके पर ही दर्दनाक मृत्यु हो गई। बोलेरो वाहन थाना छिपाबड़ में पदस्थ एएसआई चंदन उइके के नाम पर दर्ज है। वाहन में एएसआई चंदन उइके, एसआई कमल सिंह ठाकुर, आरक्षक हेमंत देवड़ा और नवीन कुशवाहा सवार होकर मोरगढ़ी की और गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना का वीडियो भी बनाया है, जिसमें सभी पुलिसकर्मी शराब के नशे मे
परिजनों की मांगें
1. बोलेरो सवार सभी पुलिसकर्मियों (एएसआई चंदन उइके, एसआई कमल सिंह ठाकुर, हेमंत देवड़ा, नवीन कुशवाहा) और वाहन चालक सलीम पर धारा 304, 279, 201, 120B, 34 IPC एवं बीएनएस की धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए।
2. पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की जाए।
3. साक्ष्य छिपाने और गुमराह करने के प्रयास की उच्च स्तरीय जांच की जाए।
4. मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी, और स्थायी सुरक्षा सहायता प्रदान की जाए।
5. घटना की न्यायिक जांच या विशेष जांच दल (SIT) से निष्पक्षता से विवेचना करवाई जाए।
झूमते हुए दिखाई दे रहे हैं। थाने पहुंचे हरदा डीएसपी को परिजनों व ग्रामीणों ने ज्ञापन दिया है, गंभीर आरोप पुलिस कर्मियों पर लगाए हैं। तत्काल पुलिस
कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है डीएसपी का स्टेटमेंट घटना की जाँच की जा रही है। यदि शराब पीने और लापरवाही की बात सामने
प्रश्न उठते हैं
1. सरकारी ड्यूटी पर रहते हुए निजी गाड़ी का उपयोग और उसे किसी बाहरी व्यक्ति को सौंपना – यह स्वयं कानून का उल्लंघन नहीं तो क्या है?
2. यदि पुलिसकर्मी बोलेरो में नहीं थे तो घटना के तुरंत बाद सभी पुलिसकर्मी मौके पर कैसे पहुंचे ?
3. ढाबे पर वारंटी को पकड़ने गए थे, इसका कोई भी दस्तावेज़ी प्रमाण क्यों नहीं दिखाया गया?
4. मृतक को बचाने की कोई कोशिश क्यों नहीं की गई? 108 या पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल क्यों नहीं किया गया?
आती है तो सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल गाड़ी चलाने वाले सलीम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
वीडियो और प्रत्यक्षदर्शी गवाह साफ तौर पर बता रहे हैं कि पुलिसकर्मी नशे की हालत में सवार थे। सिर्फ सलीम पर मामला दर्ज करना पर्याप्त
एक्सीडेंटः थाना प्रभारी आरपी कवरेती
बोलेरो वाहन पुलिस की नहीं थी, वह एएसआई चंदन उड़के की निजी गाड़ी थी। गाड़ी एक निजी व्यक्ति सलीम चला रहा था। बोलेरो में बैठे पुलिसकर्मी ढाबे पर किसी वारंटी को पकड़ने गए थे, वाहन चालक वहीं से गाड़ी लेकर चला गया और हादसा हो गया। केस दर्ज किया है, जांच व कार्रवाई की जाएगी।
नहीं, बल्कि वाहन मालिक चंदन उइके सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर भी समान रूप से जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।